Basant
रविवार, 1 अगस्त 2010
गुनाहगार
मैं किस किस का नाम गिनाऊं
न वे रहे और न उनका नाम
थोरी सी रह गयी अदा /
वह अफसोस करने कि
आखिर न बदला मैं
और न वे लोग
बदला तो वह वक्त
जो है सबका गुनाहगार //
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