सोमवार, 22 नवंबर 2010

वह पास नहीं थी

वह पास नहीं थी
करीब थी ऐसा लगता था
वह दूर थी फिर भी
नजदीक लगती थी
उसकी सोच
अपनी लगती थी
उसकी भूल
अपनी गलती लगती थी /
वह सम्बन्ध तोड़ दी
फिर भी सपना लगता था
उसके साथ की रातें
बिलकुल अपना लगता था
वह दूर थी फिर भी
पास लगती थी //

रविवार, 1 अगस्त 2010

गुनाहगार

मैं किस किस का नाम गिनाऊं
न वे रहे और न उनका नाम
थोरी सी रह गयी अदा /
वह अफसोस करने कि
आखिर न बदला मैं
और न वे लोग
बदला तो वह वक्त
जो है सबका गुनाहगार //

शनिवार, 10 जुलाई 2010

दिल

basant: दिल: "आँखे सच बोलती
लेकिन आंसुओ ने बहला दिया
जब तक आप सच समझते
किसी ने आपको बहका दिया
लेकिन
ना समझ दिल ने हमको अपना लिया"

बुधवार, 7 जुलाई 2010

रास्ता

रास्ता जिस पर हम
चलते हैं
जो जमीं के कुछ खास भाग में
बनते हैं
जिनसे होकर रोज
मुशाफिर जाते हैं
जिनका अंतिम भाग नहीं होता
जिनका शुरुआत
आदमी के सोच
पर निर्भर करता है/
कोई खुद बनता है
कोई बनाये पर चलता है
कुछ लोग उस पर दौरते हैं
तो कुछ लोग रस्ते के बीच
अंतिम साँस लेते हैं
लेकिन वे कुछ दिन
किये जाते हैं yad
,जो उस रस्ते से एक
नया रास्ता बनाते हैं//